अब संहार जरूरी है

उ ठे धूल की जब जब आँधी, तो जलधार जरूरी है उठे  धूल  की  जब  जब आँधी, तो    जलधार   जरूरी है बहुत   हुआ  जुर्मों  को   सहना, अब    संहार   जरूरी  है आज  एक   नारी की  इज्ज़त, लुटती  रही  भीड़  भर में  खड़े रहे  कुछ  मौन  साध कर, कुछ  दुबके अपने घर में कुछ के  अ… Read more »

Korona : कोरोना

प्राकृतिक आपदा  कहूँ इसे दुष्कर्मी                 अंजाम चहुँ दिशि कोरोना कोहराम चहुँ दिशि कोरोना कोहराम छुआछूत का  रोग  चला  है छूने  भर   से   यह  फैला है सिर का दर्द, ताप  है चढ़ता खाँसी,      और      जुकाम चहुँ दिशि कोरोना कोहराम चहुँ दिशि कोरोना कोहराम लोगों  से   … Read more »

मैंने देखी नारि हजार (हास्य पैरोड़ी)

मैंने     देखी    नारि हजार पर       ऐसी   कहूँ न पाई जब  पहली   बारी   पाई सेवा    करवै    जो  आई बाने   कूटी  सब  ससुरार संग पति की करी  कुटाई मैंने   देखी   नारि   हजार पर    ऐसी   कहूँ   न पाई आयी  दूसरि   नम्बर  की बू   खाते    पीते … Read more »

मिली सपनेन में गोरी रात (पैरोड़ी गीत)

तर्ज : सिया रघुवर जी   के संग विधा : पैरोडी,  शृंगार  [संयोग] मिली सपनेन में गोरी रात....... ...........दिखावै  लगी, नये नये ...........दिखावै लगी सपनेहुँ रे रख  हाथन  पे  दोउ हाथ........ ...........दिखावै  लगी, नये नये ...........दिखावै लगी सपनेहुँ रे… Read more »

खोज कलम हे ! कलमवीर

खोज कलम हे ! कलमवीर कहाँ  लेखनी  है  वो  अब  जो, लिखे   वीरता    वीरों  की लिखे न अब क्यों रही व्यथा जो,जनमानस की पीरों की आखिर  इसको  किसने  रोका, क्यों ये  इतनी बाध्य हुई कौन  टोटका  हुआ   बताओ, क्या  ये कहो, असाध्य हुई कौन  लगाया  बोली  इसकी… Read more »

जिन्हें हम पलक पे बिठाने लगे हैं

बहर : 122-122-122-122   ( मुत़कारिब मसम्मन सालिम) जिन्हें  हम  पलक  पे   बिठाने लगे हैं उन्हें   ठीक   दिल  मे  बसाने   लगे हैं कभी  सामने   से  अगर    हैं   गुजरते बना    घूँघटा,  वो     सताने     लगे हैं अभी  तक  हुआ क्यों न दीदार … Read more »

अब तो राह सुझाओ सुजान

Follow my blog with Bloglovin डगर   कौनसी   चल   के  आया पथ       की        ना     पहचान कि अब तो राह सुझाओ सुजान चहुँ    दिशि   ही  माया  का साया माया      ने   मन   को   भटकाया रहा         न        ज्ञान      गुमान कि अब तो राह सुझाओ सुजान-२ उर  … Read more »

मोय भयो चाम ते मोह (पद)

कान्हा रे मोय भयो चाम ते मोह कौन  जतन कर  टारूं  हिय ते, चिप्क्यौ   जैसें   गोह आत्मश्लाघा  श्रुति   कूँ  प्यारी, और  सुनावें  ना  टोह दृग  कूँ  प्यारी  रूप    लावणी, पटक्यौ भव की खोह हाथन  कूँ  प्यारौ   रुपया  धन, देखत  नित  ही  जोह उदर  कू… Read more »

Loneliness Songs

जग की  कोरी  रीत  लिखेंगे तन्हाई   का   गीत   लिखेंगे माया  की     है   हाहाकारी स्वार्थ  भरी  सब   नातेदारी हारी   कैसे   जीत   लिखेंगे तन्हाई   का   गीत  लिखेंगे जब  से   देखा अपना माना कौन  सगा   है क्या  बेगाना बिछड़ा   कैसे   मीत लिखेंगे तन्… Read more »

समय" किसके पास है ?

" समय" किसके पास है ? खुद ही खुद को क्यों औरों से खास है ये    समय       है ,  समय      किसके    पास है लिक्खा       है   मैंने   भावों   की   ले स्याही खुशियों   से   मातम , मातम     से तबाही शब्द     वही हैं , तो   क्या … Read more »

सत्य सनातन सदा ही शिव है

सत्य सनातन सदा ही शिव है सत्य सनातन सदा ही शिव है पावन श्रावण  मास लगौ, धर ध्यान उपास  महाशिव पूजौ काल यही इक कालन के, इनसौ  कब  कौन  कहाँ पर दूजौ हो करुणा हिय भाव दया, तब नाथ प्रसन्न नहीं फिर जूझौ सार यही  सब  ग्रंथन कौ, अब  और  नवीन  नहीं तुम बूझौ … Read more »