मैंने     देखी    नारि हजार
पर       ऐसी   कहूँ न पाई

जब  पहली   बारी   पाई
सेवा    करवै    जो  आई
बाने   कूटी  सब  ससुरार
संग पति की करी  कुटाई

मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई

आयी  दूसरि   नम्बर  की
बू   खाते    पीते   घर की
नित   खून  पीमती   यार
और सबकूँ   रही   डराई

मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई

तीजी जीन्स टॉप में ठाड़ी
जाकूँ बोझ पहनवौ साड़ी
बातन   में   इंग्लिश  झार
करे बू  इंग्लिश  कविताई

मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई

नहीं  काम  काज  ते हारे
बू  चौथी    खड़ी   गिरारै
रही शेखी    खूब   बघार
बातन   में  लिये   सफाई

मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई

पांची     नौकर  सरकारी
बनी सबपे जो अधिकारी
रही रौफ खूब    ही  झार
बू   रुपया   चार   कमाई

मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई

छठी  तौ  तन   पे   स्यावै
न  काम   के   नीचे  आवै
पल पल में   करे   सिंगार
ज्यों   हूर   इंद्र  की  आई
मैंने   देखी   नारि   हजार
पर    ऐसी   कहूँ   न पाई
क्रमशः जारी.................
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