इन्द्रवज्रा छंद [ INDRAVAJRA-CHHAND ]

इन्द्रवज्रा छंद विधान और उदहारण    छंद  विधान : - यह छंद उपेंद्रवज्रा छंद से मिलता जुलता ही छंद है अथवा इन दोनों ही छंदो में नाम मात्र का भेद है।  इस छंद में क्रमशः  तगण + तगण + जगण + गुरु + गुरु [२२१+२२१+१२१+२२ = १८ ] कुल चार चरण ​, १८ मात्राएँ प्रति पंक्ति , दो-दो प… Read more »

सवैया छंद क्या है ? सवैया छंद के भेद कितने हैं ?

सवैया छंद आइये आज चर्चा करते हैं  सवैया छंद पर सवैया छंद क्या है ? सवैया छंद के भेद कितने हैं ?  सबसे पहले आते है सवैया क्या है ?  सवैया चार चरणों का समतुकान्त वर्णिक छंद है, वर्णिक छंदों में २२ से २६ अक्षर वाले छंदो को सवैया नाम से जाना जाता है अर्थात् अन्य से सवाय… Read more »

सोरठा छंद [SORTHA CHHAND]

सोरठा छंद सोरठा छंद  विधान :-   सोरठा छंद दोहा छंद  का विपरीत होता है, इसके भी दोहा के जैसे चार चरण व दो पंक्तियाँ होती हैं , विषम  चरणों में क्रमशः ग्यारह - ग्यारह  मात्राएँ एवं सम चरणों में क्रमशः तेरह - तेरह मात्रायें होती हैं। सोरठा छंद का उदाहरण :- भजो  राम   का  … Read more »

रे ! मूरख क्यों तू स्वांग रचावै : नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष

उत्कर्ष पदावली रे ! मूरख क्यों तू स्वांग रचावै रे ! मूरख क्यों तू स्वांग रचावै   रे !  मूरख क्यों तू स्वांग रचावै जैसी     करनी         वैसी    भरनी    करनी      का      फल    पावै रे मूरख करनी का फल पावै रे ! मूरख क्यों तू स्वांग रचावै    रे !  मूरख क्यों तू स्वा… Read more »

वियोग श्रृंगार-चौपाइयाँ छंद

चौपाइयाँ छंद छंद परिचय :-    छंद सनातनी परंपरा का लोकप्रिय छंद है, जिसका प्रयोग मुख्यतः बाबा तुलसी रचित रामचरित मानस में किया है ।  इस छंद की अन्य की भाँति कुल चार पँक्ति होती है, प्रत्येक  पँक्ति में यति (विराम) क्रमशः दस, आठ, बारह मात्राओं पर  सुनिश्चित है … Read more »

माहिया छंद

माहिया छंद टप्पे माहिया छंद / टप्पे महिया   तुझपे  मरते        जबसे   मैंने  जाना है जां  तेरे     ही     नां        ख्वाब     तिरे     देखे हम प्यार तुम्हे करते         इक  तुमको  पाना है कब आओगे मिलने         क्यों मतलब यारी को … Read more »

माहिया छंद - प्रसिद्ध पंजाबी टप्पे

छंद : माहिया MAHIYA CHHAND छंद परिचय :-   माहिया  छंद को टप्पे गीत नाम से भी जाना जाता है, इस छंद में संयोग और वियोग दोनों पक्षों का चित्रण किया जाता है एवं इस छंद को हास्य-परिहास  में भी लिखा जा सकता है, इस छंद की तीन पंक्तियाँ होती है जिनमे क्रमशः १२-१०-१२ मात्राय… Read more »

मत्तगयंद सवैया और अनुप्रास अलंकार का उदहारण

जय महाकाल  मत्तगयंद सवैया और अनुप्रास अलंकार का उदहारण (मत्तगयंद सवैया ) काल कराल कमाल करे, कब भक्त कपालि अकाल सतावै प्रेम, प्रभूति, पराक्रम औ, परिख्याति, परंजय, पौरुष पावै भाव भरी, मनसे, भगती, भय, भूत, भजा, भवभूत मिलावै ध्यान धरौ नित शंकर… Read more »

हरिपद छंद

हरिपद छंद   हरिपद छंद विधान :  कुल 27 मात्रायें, चार चरण  दो पंक्तियाँ समतुकांत, अंत में गुरु लघु आवश्यक उदाहरण :-  आधार छंद : हरिपद सोलह  ग्यारह   पर लिखने  हैं, चार चरण  दो  बंद  चौपाई  दोहा   का  मिश्रण, है    यह   हरिपद    छंद  सत्त… Read more »

दोहा छंद के नियम और उदाहरण

दोहा छंद के नियम और उदाहरण यह अर्द्ध सममात्रिक छंद है । इसके चार चरण होते है । विषम चरणों अर्थात् प्रथम व तृतीय का मात्रा भार 13 होता है व सम चरणों अर्थात् द्वितीय व चतुर्थ का मात्रा भार ग्यारह होता है । दोहा छंद का आरंभ जगण से करने पर लय दोष उत्पन्न होता है इसलि… Read more »