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माहिया छंद टप्पे |
महिया तुझपे मरते जबसे मैंने जाना है
जां तेरे ही नां ख्वाब तिरे देखे
हम प्यार तुम्हे करते इक तुमको पाना है
कब आओगे मिलने क्यों मतलब यारी को
सावन आया अब इश्क बना डाला
है लगी कमी खलने इस बुरी बिमारी को
जब प्यार नहीं करना दिन रैन नहीं चैना
कह देना था सच तेरे इशकां विच
क्या दुनिया से डरना बरसे मेरे नैना
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