नेता का नहि धर्म है , नहि कोई ईमान । घोटालो के संग ये , करें झूठ का पान ।। फ़िल्मी परदों पर बसे , बनकर सिध्द महान । बना वीडियो ट्वीट कर , बांटे अगणित ज्ञान ।। बात कहूँ में लाख की , अब तो खुल … Read more »
नेता का नहि धर्म है , नहि कोई ईमान । घोटालो के संग ये , करें झूठ का पान ।। फ़िल्मी परदों पर बसे , बनकर सिध्द महान । बना वीडियो ट्वीट कर , बांटे अगणित ज्ञान ।। बात कहूँ में लाख की , अब तो खुल … Read more »
नमन करूँ मैं माँ शारद को , करना माते सदा सहाय । लिखूँ ख्वाब में हाथ कलम ले , जो मेरे मन को हर्षाय । -------------------------------------------- सरकारी मैं करूँ नौकरी , बन अफसर जो ऑफिस जाय । लटके है जो काम अभी… Read more »
मेरी जिंदगी मझदार में है , अब कैसे पार उतारू .... सोचता पल पल यही में , कैसे खुद को निकालूँ .... वक़्त भी कम है पड़ा अब , कौन वो जिसे पुकारू .... मेरी जिंदगी मझदार में ........... २ यहाँ वहां सब अपने लगते , झूठा मन… Read more »
===================== दो अक्टूबर उन्नीस की , थी चौथी जब साल । शारद घर पैदा हुये , वीर बहादुर , लाल ।। ===================== शहर उत्तर प्रदेश में , जनपद मुगल सराय । तात शारदा , मात वो … Read more »
सार छंद सार छंद विधान : कुल 28 मात्रा, 16/12 पर यति, अंत में दो गुरु या 22, कुल चार चरण, [ क्रमागत दो - दो चरण तुकांत ] [1] मोह पाश मे फँसकर मैंने , सारो जन्म गवायो मिलो नही संतोष दिनहु में , सोवत चैन … Read more »
दो अक्टूबर को हुए , लिये अनोखा काम । गांधी लाल बहाद्दुर , उन दोनों के नाम ।। ===================== अठारह सौ उनहत्तर , वर्ष समझ यह खास । दो अक्टूबर को हुये , पैदा मोहनदास ।। ===================== क्वार मास उन्नीस में… Read more »
छंद : कुण्डलिया Kundaliyan Chhand (1) अज्ञानी तेरे बिना, ज्यो जल बिन हो मीन कृपा करो माँ शारदे, विनती करे नवीन विनती करे नवीन, सूझ कब तुम बिन माता दो मेधा का दान, मात मेधा की दाता जग करता गुणगान, मात तुम आदि भवा… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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