उत्कर्ष सवैया : 2

मत्तग्यन्द सवैया चोर  बसे  चहुँ ओर  बसे,पर  नाम  करें  रचना  कर चोरी । सूरत से  वह  साधक  है,पहचान  परे  नहि   सूरत  भोरी । बात बने लिखते वह तो,मति मारि गयी  बिनकीउ निगोरी । कोशिश ते तर जामत है,मति कोउ उन्हें यह दे फिर थोरी ।    नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष… Read more »

उत्कर्ष सवैया : 1

मत्तग्यन्द सवैया -------------------- (1) चाँद  समान  लगे  मुखड़ा,तन  रंग  लगे  समझो  वह  सोना रूप  लिये  वह  रूपवती,कर  डारि  गयी  हमपे  फिर  टोना स्वप्न    बुने    हमने  बहुतै,हर  स्वप्न लगे  तब  मित्र  सलोना बाद  नही  अब  टेम  उसे,यह  प्यार  रहा  बन एक ख… Read more »

चौपाइयां छंद [chaupaiyan chhand]

देव  दैत्य  स्तुति  करें,कोउ  न  पायो पार नमन करूँ कमलापते,तुम जीवन के सार ------------------ छंद : चौपाइयां Vidhan : 10-8-12=30 ------------------ हे केशव रसिया,सब मन बसिया,सुन लो अर्ज हमारी विपदा   ने  घेरा,डाला  डेरा,तुम  बिन  जाय  न … Read more »

मुक्तक - 01

बिना  तेरे  रहे  हम  यार  हमको  था गवारा कब । किया था प्रेम तुमसे  यार  पर  तुमने निहारा कब । जुडी सांसे फकत तुमसे,तुम्ही   इक आरजू मेरी । चले आते सनम फिर भी,मगर तुमने पुकारा कब ।      नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”      श्रोत्रिय निवास बयाना    + 91 84 4008-4006 Read more »

मुक्तक : 04

राज-ऐ-दिल -------------------- मोहब्बत  है  सनम तुमसे,             खुले दिल आज कहते है । छुपाया  था  जो' वर्षो  से,             सुनो ! वो  राज  कहते है । नही  जीना  तुम्हारे  बिन,             तुम्ही   हो   जिंदगी  मेरी । रही दिल में सदा से  तु… Read more »

देश की शान [DESH KI SHAN]

गजल : मेरी ख्वाहिश  ★ ★ ★ ★ ★  Behar : 212-212-212-212  देश    की   शान  मैं यूं बढाता  रहूँ  शीश  झुकने  न दूं  मैं  कटाता रहूँ  काट   दूँ  हाथ  वो,जो उठे देश पर दुश्मनो  को युँ  हीं मैं  मिटाता रहूँ  में  लड़ाई  लड़ूं  आखिरी सांस त… Read more »

उत्कर्ष दोहावली [ Utkarsh Dohawali ]

!! उत्कर्ष दोहावली Utkarsh Dohawali !! कविता  लेखन सब करो,साध शिल्प अरु छंद कविता  खुद   से   बोलती, उपजे  बहु  आनंद कविता   लिखना  सीखते, बड़े जतन के साथ मुख  को  जोड़ा  पैर   से, धड़  से   जोड़े  हाथ धड़   से  बाजू  जोड़िये, मुख  को  ऊपर  जोड़ … Read more »

उत्कर्ष दोहावली Utkarsh Dohawali

!! उत्कर्ष दोहावली Utkarsh Dohawali !! गजमुख की कर वंदना, धर शारद  का  ध्यान पञ्च  देव सुमिरन करूँ, रखो कलम  का मान ईश्वर    के   आशीष    से, दूने  हो  दिन  रात बिन   मांगे   सबको   मिले, मेरी  यही सौगात अधर   गुलाबी  मधु  भरे, तिरछे   नैन  कटार मुख  … Read more »

बन आज़ाद परिंदा आज उड़ना चाह रहा है मेरा मन

बन  आज़ाद  परिंदा  आज उड़ना चाह रहा है मेरा मन बन  आज़ाद  परिंदा   आज उड़ना चाह रहा है मेरा मन उडूं  वहां तक,  जहाँ  तलाक हो,  कल्पनाओ का गगन बन  आज़ाद  परिंदा   आज उड़ना चाह रहा है मेरा मन बंद  आँखों  से  देखे बहुत,  देखे नींदों में सुन्दर स्वप्न खुली आँखों स… Read more »

ग़ज़ल

ग़ज़लें वो नहीं जो सिर्फ महफ़िल थाम लेती है ग़ज़लें वो भी नहीं, जो गम को उफान देती है ग़ज़लें वो है,जिनसे प्यार झलकता है,वफ़ा महकती है ग़ज़लें   वो  है   जिनमे  किस्सा - ऐ - दोस्ती है ग़ज़लें दिलजले का दिल जलाती है, जला है,जिनकी की यादों मे… Read more »