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बृज : brij

दोहा• बृज देखो बृज बास को, अरु बृजवासिन रंग बृजरज की पावन  छटा, देख जगत सब दंग कवित्त : 8,8,8,7 वर्णों की चार समतुकांत पँक्तियाँ बृज   धाम    कूँ निहार, जित  प्रेम   मनुहार बाँटों      अपनौउ  प्यार, चलो   यार  बृज में आये  नाथन  के   नाथ, रखौ … Read more »

महाश्रृंगार छंद /MahaShringar chhand

महाशृंगार  छन्द का  विधान   १- यह चार पक्तियों  का  छन्द है, प्रत्येक पक्ति में कुल  16  मात्रायें हो ती हैं हर पक्ति  का  अन्त गुरु  लघु से करना अनिवार्य , दूसरी  ओर  चौथी  पक्ति  में  तुकान्त  मिलान  उत्तम पहली और तीसरी तथा दूसरी और चौथी पंक्ति  तुक… Read more »

रक्ता छंद [Rakta Chhand ]

रक्ता छंद [Rakta Chhand ]  विधान :-    रगण जगण गुरु【212 121 2 】 कुल   7 वर्ण,  4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत ] (1) मात   ज्ञान  दीजिये दूर   दोष     कीजिये मंद   हूँ   विचार   दो लेखनी    सँवार   दो (2) मात       हंसवाहिनी आप   ज्ञान  दायिनी … Read more »

उड़ियाना व कुण्डल छंद [ Udiyana Or Kundal Chhand ]

उड़ियाना   छंद  Udiyana Or Kundal Chhand उड़ियाना   छंद  विधान : 12/10 यति पहले व बाद में त्रिकल अंत मे एक गुरु जीवन का ध्येय एक, राम नाम जपना मिले हमें विष्णुलोक,यही सत्य सपना कौन  यहाँ मित्र,सगा, बंधु,  संबंध    है माया   का यही जाल, मोह  आबंध   है… Read more »

कहमुकरी छंद - 2 [kehmukariyan]

कहमुकरी छंद  कहमुकरी छंद   विधान   :   प्रतिचरण 15 अथवा 16 - 16 मात्राऐं, क्रमशः दो दो चरण समतुकांत वह     भविष्य    का       है   निर्माता पथभ्रष्टी        को     पथ    पे   लाता कर्म      मार्ग    का    वही  निरीक्षक क्या  सखि  ईश्वर ? ना सखि शिक्षक … Read more »

महाभुजंगप्रयात [Mahabhujangprayat]

महाभुजंगप्रयात [Mahabhujangprayat] विधान :  महाभुजंगप्रयात छंद आठ  यगण  से है बना, बारह पर यति सोय । भुजंगप्रयात से दोगुना, सदा  छंद  यह होय ।। ------------------------------------- लगी  है   झरी   धार  पैनी  परी  हैं, लिये  नीर आई… Read more »

घनाक्षरियों के प्रकार व विधान

घनाक्षरियों के प्रकार एवं विधान  ____________________________________________ 1:- मनहरण घनाक्षरी  :  कुल 31 वर्ण। 8-8-8-7 या 16-15 पर यति। अंत में गुरु वर्ण। ____________________________________________ 2:- रूप घनाक्षरी :   कुल 32 वर्ण। 8-8-8-8 या 16-16 प… Read more »