पञ्चचामर छन्द [Panchchamar Chhand]

छन्द : पञ्चचामर  विधान- 【 121 212 121 212 121 2】 चार चरण, क्रमशः दो-दो चरण समतुकांत --------------------------- उठो  !  बढ़ो,  रुको  नहीं, करो,  मरो,  डरो नहीं बिना      करे   तरे   नहीं,  बिना  करे नहीं कहीं पुकारती    तुम्हे    धरा, दिखा शरीर शक्ति को … Read more »

बिहारी छंद [ Bihari Chhand ]

छंद - बिहारी छंद [ Bihari Chhand ]  विधान -  इसके प्रत्येक चरण में 14+8=22 मात्राएँ होती हैं , 14,8 मात्रा पर यति होती है तथा 5,6,11,12,17,18 वीं मात्रा लघु 1 होती है । एकाक्ष,    महाकांत,   महादेव,   भगाली हे  ! नाथ  महाकाल  गुणोकीर्ति निराली मैं  मूर्ख  … Read more »

Kundaliyan [कुण्डलियाँ]

छंद : कुण्डलियाँ   Chhand :Kundaliyan  (1) छंद    रचो   ऐसे  सभी, पढ़त   सुनत       आनंद हिंदी     का   उत्कर्ष   हैं, हिंदी        वाले       बंध हिंदी          वाले    बंध, शिल्प  जिनका है रोचक गति, यति, लय हैं अंग, पढ़े   लेखक   या  पाठक … Read more »

उत्कर्ष दोहावली [UtkarshDohawali]

उत्कर्ष दोहावली   [UTKARSH DOHAWALI)  दोहा छंद विधान : तेरह ग्यारह मात्रा भार के चार चरण प्रत्येक ग्यारहवीं मात्रा वाला वर्ण लघु , समचरण तुकांत राधेश्याम     कृपा    करो, काटो   भव  के फंद तबहि मजा ब्रज बास कौ, और   मिले   आंनद गिरिधर  तेरे   ही   … Read more »

उत्कर्ष दोहावली [UTKARSH DOHAWALI]

उत्कर्ष दोहावली   [UTKARSH DOHAWALI] पेड़    हुये   कंक्रीट  के, उजड़े      वन     उद्यान सन्नाटा अब व्योम में, नहीं   मधुर  खग   गान कण कण में वह व्याप्त है, हर कण उसका जान खोल  नयन “उत्कर्ष” फिर,  कर  उसकी  पहचान जन्म सफल करलो सभी, कर… Read more »

मनमनोरम छंद [MANMANORAM CHHAND]

मनमनोरम छंद रावण उवाच : देख  मेरी    दृष्टि   से   तू जान  पायेगा  मुझे  तब तारना   है  कुल मुझे वह  वक्त आयेगा चला अब हूँ कुशल    शासक,पुजारी   ईश का हूँ मैं अभी भी राम   भव    से   तारने  वापस न आएंगे कभी भी आस  लेकर जानकी जपती रही है नाम  जिन… Read more »

मदिरा के दुष्प्रभाव [Effect Of Wine]

कृष्ण  सुनो  अरदास    मम, चाह तुम्हारा साथ लोभ,  द्वेष    उर    से  हरो, तारो  भव से नाथ दारू  कब  घी सम रही, पी  कर  भरो  न जोर बाद  गलाती   जिस्म ये, है     बीमारी      घोर अलग -अलग उपनाम है,अलग-अलग अंदाज करना  मत  मधुपान तुम,यह दुर्जन का  काज कभी… Read more »