देशहित गीत [ Desh bhakti geet ]

देशहित गीत [ Desh Bhakti Geet ] पाकिस्तान  करे  मनमानी, उसे   जवाब   जरूरी है  मूक  बने  बैठे   क्यों मोदी,आखिर क्या मजबूरी है  छप्पन इंच का सीना फिर, क्यों ये साहस खोता है  मौन  साधना   देख  तुम्हारी, वीर सिपाही रोता है  नैन  अगारी   देश   द्रोह … Read more »

शूर [veer] a solder

छंद : मत्तगयंद सवैया सूर  चलौ    चढ़  सूरन ऊपर, फूलन    हार   लपेट    तिरंगा आँगन  छोड़  बसौ  हद   ऊपर, रोक लिये अरि के सब दंगा जान  लुटा  अपनी  धरती  पर, एकहि  रंग  करौ    पँचरंगा संग भरे कर को  जग आमत,आमत रिक्त लिये तन नंगा - नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष छंद … Read more »

मुक्तक :दिल से...

नजारों में  कहाँ  अब  हम,नहीं  पहचान  पाओगे । मगर  जिंदा  अभी हम हैं,कभी  तो जान जाओगे । भुला सकते नहीं हमको,भगत हम श्याम के ठहरे । चले   आयेंगे   यादों   में,भजन जब आप गाओगे ।। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास बयाना +91 9549899145 Read more »

मदिरा से मत हाथ लगाना [ Don't Use Wine ]

!! मदिरा से मत हाथ लगाना !! मदिरा  ते  मत  हाथ लगाना,तुम्हे  जान   यदि प्यारी हो हाथ छुये  ते  खण्डित जीवन,सभी  जगह फिर ख्वारी हो मदिरा ते मत हाथ लगाना......... नष्ट करे तन, धन, अरु जीवन,नष्ट  जगत व्यवहार करे मदिरापान  करें  उनकी   इस,जीवन   मे   नह… Read more »

सरस्वती वंदना [saraswati vandna]

सरस्वती वंदना [saraswati vandna] माँ सरस्वती सामूहिक वंदना ----------------------------------- नमस्तुभ्यं  माँ  आदिशक्ति,नमस्तुभ्यं वागेश्वरी, नमस्तुभ्यं वैकुण्ठ वासिनी,नमस्तुभ्यं माहेश्वरी, जय   वाचा  जय ईश्वरी, जय महाश्वेता मात नमन     तुम्हे  वागे… Read more »

विदाई गीत - Vidai Geet

!! विदाई गीत - VIDAI GEET !! छोड़ गई  क्यों  साथ  हमारा, सूनी    छोड़  कलाई  किससे   लाड़  लड़ायेंगे  हम, कौन   कहेगा  भाई  ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना... बचपन  की  यादों   का  दर्पण, तडप जगायें भारी  पलकें  भारी   हो  जाती  जब, आये   याद तुम्हारी  रक्षाबंधन   … Read more »

Doha Chhand / दोहा छंद

===== उत्कर्ष कृत दोहे ==== गजमुख की कर वंदना,धर शारद  का  ध्यान । पञ्च देव सुमिरन करूँ,रखो कलम का मान ।। ==============≠==== ईश्वर   के  आशीष  से,दूने  हो दिन  रात । बिन मांगे  सबको मिले,मेरी यही सौगात ।। =================== अधर  गुलाबी मधु भरे,तिरछे  नैन  कटार… Read more »

आरक्षण aarakshan/reservation (गीत)

आरक्षण Aarakshan/Reservation (गीत)  आरक्षण   का   दानव   खाता, हक    मेरे   जीवन का फिर भी खुद को भूखा कहता, शायद  यत्न हनन का आरक्षण  का    दानव   खाता, हक   मेरे   जीवन का...... अर्थ  स्थिति  डामाडोल  पर, नहीं  रियारत मुझे मिली वर्षो   से   उ… Read more »

विधा : कहमुक़री सविधान (kehmukariyan]

विधान : कहमुक़री चार चरणों में लिखी जाती है,जिसके प्रत्येक चरण का मात्रा भार 15-15 अथवा 16 -16 होता है । सुबह शाम   मैं   उसे  रिझाऊँ, नैन पलक पर  जिसे  बिठाऊँ बिन  उसके   दिल   है बेहाल, क्यों सखि साजन?ना गोपाल घड़ी - घड़ी  मैं  राह  निहारूँ सुबह शाम नित उसे पुकारूँ… Read more »

गजल : प्रेम पढ़ता रहा नित्य ही [Prem Padta Raha Nitya Hi]

गजल : प्रेम   पढ़ता  रहा   नित्य  ही   [Gazal : Prem Padta Raha Nitya Hi]  बह्र : 212 212 212 212 प्रेम   पढ़ता  रहा   नित्य  ही  मीत मैं सीख  पाया  नहीं   बाद  भी  प्रीत  मैं हार   से   हार   कर   हारता  ही गया पर  न  जाना कभी हार क्या जीत मैं … Read more »

चल पड़े हैं कौनसे पथ [Chal Pade Hain Kaunse Path] (गजल)

चल  पड़े  है  कौन  से  पथ Chal Pade Hain Kaunse Path मापनी/बहर : 2122 2122 2122 212 चल  पड़े  है  कौन  से  पथ, भूल  हम  जीवन  चले जानते   इसको   सभी  पर, संग  में    बेमन   चले स्वप्न बुनते नित  नये हम  हो सुखद  संसार  इक पर   निगाहों   में   बसा  के   ढ… Read more »