अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of Manifestation)

------------------------------------------- अभिव्यक्ति के नाम पर, परोसी जा रही है, फूहड़ता,अब बदल चुका है, वह संकल्प, जो लिया था कभी, सभ्य समाज, और उसकी पुष्टता का, कभी दीपक बन, उजाला करने के, संजोये थे ख्वाब, मगर, लोकप्रियता की दीमक, चट कर रही है, धीरे … Read more »

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ]

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ] चूम लिये फांसी का फंदा,भगतसिंह सुख,राज जहाँ इंकलाब  की  बोलो  वाला,मेरा  भारत   देश    कहाँ वो प्यारा भारत देश कहाँ, अंग्रेजो  का  महल  ढहाया, वो  दीवानी  नारे थे भारत को जीने वाले वह,माँ भारति के प्यारे थे … Read more »

विदाई गीत [ Vidai Geet ]

विदाई गीत [ Vidai Geet ] हरे हरे कांच की चूड़ी पहन के, दुल्हन  पी   के  संग  चली  है पलकों  में  भर  कर के आंसू, बेटी  पिता  से  गले  मिली  है फूट - फूट के  बिलख रही वो-२ बाबुल  क्यों  ये सजा मिली है, छोड़ चली क्यों घर आंगन कू, बचपन की जहाँ याद ब… Read more »

बेटियाँ [ तांटक छंद ] - Betiyan [Tantak chhand ]

बेटियाँ - Betiyan [ तांटक छंद ] पीले     हाथ  किये  बाबुल  ने,अपनी  बेटी  ब्याही है अब    तक तो   कहलाई अपनी,अब वो हुई परायी है नीर  झलकता है  पलको से,बेला  करुणा  की आयी चली सासरे वह निज घर से,दुख की बदली है छायी मात-पिता, बहिना अरु भाई,फूट - फ… Read more »

छंद अलंकार का मर्म न जाने

कैसे तुझको   कवि में कह दूँ कैसे   दूँ    सम्मान      रे छंद अलंकार का मर्म न जाने न जाने विधि   विधान रे कैसे  तुझको  कवि में कह दूँ कैसे      दूँ    सम्मान   रे काव्य के तू गुण दोष न जाने न काव्यशास्त्र का ज्ञान रे शब्दों की   तू  महत्ता न जाने … Read more »

होली गीत [Holi Rasiya Song]

होली : Holi Song Rasiya होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी । रंगनी  है राधा गोरी अरु रंग डारे बनबारी ।। होरी में...........................................२ ग्वाल बाल सब झूम रहे है, घोंट भांग  फिर चूम रहे है, रंग बरसे सबरे आज घटायें छाई मतबारी । … Read more »

मत्तग्यन्द सवैया छंद (mattgyandy savaiya)

मत्तग्यन्द सवैया छंद (Mattgyandy Savaiya)  (1)  देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो मानुष  दौलत  पास   कितेकहु,दौलत  देख  नही  इतरानो ये तन  मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो नेह सुधा  बरसा  धरती पर,सीख  सिखा  सबको  हरषानो … Read more »

यूपी चुनाव विशेष

यूपी में चहुँ ओर ही,खिला  कमल का फूल | साईकल,हाथी,हाथ को,गये लोग अब भूल || भले के सब ही साथी । गिरा हाथो  से  हाथी ।। सृजनकार : नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” यूपी चुनाव Read more »

चौपाइयां छंद : [ chaupaiyan chhand ]

चौपाइयां [chaupaiyan] छंद   चौपाइयां छंद विधान   चार     पंक्तियाँ  क्रमशः   समतुकांत 10 - 8 - 12 पर  यति कुल 30 मात्रायें रची   सृष्टि  सारी, केवल   नारी,ये   जग  की आधारा हो   रातें    काली, करे   दिवाली, यही   भोर  का  तारा संकट  जब  आया, … Read more »

हाइकु / Hayku

(१)    तेज तपन, बनी हूँ विरहन   जलता मन,              (२)   आखिरी आस अब होगा मिलन    बुझेगी प्यास          (३)    फाल्गुनी रंग चहुँ ओर गुलाबी     पीव न संग          (4)      रात  अँधेरी मेंरा चाँद ओझल     उसी को हेरी           (5)     निगाहें… Read more »