बेटियाँ [ तांटक छंद ] - Betiyan [Tantak chhand ]

बेटियाँ - Betiyan [ तांटक छंद ] पीले     हाथ  किये  बाबुल  ने,अपनी  बेटी  ब्याही है अब    तक तो   कहलाई अपनी,अब वो हुई परायी है नीर  झलकता है  पलको से,बेला  करुणा  की आयी चली सासरे वह निज घर से,दुख की बदली है छायी मात-पिता, बहिना अरु भाई,फूट - फ… Read more »

छंद अलंकार का मर्म न जाने

कैसे तुझको   कवि में कह दूँ कैसे   दूँ    सम्मान      रे छंद अलंकार का मर्म न जाने न जाने विधि   विधान रे कैसे  तुझको  कवि में कह दूँ कैसे      दूँ    सम्मान   रे काव्य के तू गुण दोष न जाने न काव्यशास्त्र का ज्ञान रे शब्दों की   तू  महत्ता न जाने … Read more »

होली गीत [Holi Rasiya Song]

होली : Holi Song Rasiya होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी । रंगनी  है राधा गोरी अरु रंग डारे बनबारी ।। होरी में...........................................२ ग्वाल बाल सब झूम रहे है, घोंट भांग  फिर चूम रहे है, रंग बरसे सबरे आज घटायें छाई मतबारी । … Read more »

मत्तग्यन्द सवैया छंद (mattgyandy savaiya)

मत्तग्यन्द सवैया छंद (Mattgyandy Savaiya)  (1)  देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो मानुष  दौलत  पास   कितेकहु,दौलत  देख  नही  इतरानो ये तन  मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो नेह सुधा  बरसा  धरती पर,सीख  सिखा  सबको  हरषानो … Read more »

यूपी चुनाव विशेष

यूपी में चहुँ ओर ही,खिला  कमल का फूल | साईकल,हाथी,हाथ को,गये लोग अब भूल || भले के सब ही साथी । गिरा हाथो  से  हाथी ।। सृजनकार : नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” यूपी चुनाव Read more »

चौपाइयां छंद : [ chaupaiyan chhand ]

चौपाइयां [chaupaiyan] छंद   चौपाइयां छंद विधान   चार     पंक्तियाँ  क्रमशः   समतुकांत 10 - 8 - 12 पर  यति कुल 30 मात्रायें रची   सृष्टि  सारी, केवल   नारी,ये   जग  की आधारा हो   रातें    काली, करे   दिवाली, यही   भोर  का  तारा संकट  जब  आया, … Read more »

हाइकु / Hayku

(१)    तेज तपन, बनी हूँ विरहन   जलता मन,              (२)   आखिरी आस अब होगा मिलन    बुझेगी प्यास          (३)    फाल्गुनी रंग चहुँ ओर गुलाबी     पीव न संग          (4)      रात  अँधेरी मेंरा चाँद ओझल     उसी को हेरी           (5)     निगाहें… Read more »

राधिका छंद : Radhika Chhand

राधिका छंद : Radhika Chhand  छंद विधान :–   22 मात्राओ के साथ 13/9 पर यति होती है । यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है ।  कुल चार चरण होते हैं ,  क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं  |   (1) खेलें  मिल  सारे  फाग, प्रेम   की  धुन  में … Read more »

आपकी समीक्षा : सा• अनुभा मुंजारे

सा•अनुभा मुंजारे "अनुपमा" जी की कलम से  हमारे कुञ्ज परिवार के प्रिय  रचनाकार ... नवीन शर्मा ' श्रोत्रिय ' जी पर.....मेरी समीक्षा  " पूत के पाँव पालने में " कहावत को चरितार्थ करता हुआ ... नवीन जी का व्यक्तित्व और कृतित्व है ।  … Read more »

आपकी समीक्षा : आ• सुरेश जी पत्तार

आ• सुरेश जी पत्तार 'सौरभ' की कलम से   २६ - २७  उम्र में साहित्यिक डालों की भी मुझे ठीक जानकारी नहीं थीं। आज पहली साहित्यिक सीडी चढ रहा हूँ। भले ही नवीन की उम्र कम रही होगी। इनकी रचना समीक्षा में कुछ का मन सकुचाया होगा, फिर भी छोटी मूर्ति में बडी कीर्ति… Read more »

आपकी समीक्षा : आ• शैल श्री श्लेषा जी

आ• शैलश्री..श्लेषा जी की कलम से .. .  आदरणीय नवीन जी सबसे पहले इतनी कम उम्र में की गई साहित्यिक तरक्की के लिए तहे दिल से हार्दिक अभिनंदन, आपने लेखन विधाओं को जानकर खुशी हुई कि आप साहित्य के अनेक विधाओं पर अपना हाथ आजमाए हैं । आपकी रचनाओं की प्रकाशन के लिए फिर से ए… Read more »