देव  दैत्य  स्तुति  करें,कोउ  न  पायो पार
नमन करूँ कमलापते,तुम जीवन के सार
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छंद : चौपाइयां

Vidhan : 10-8-12=30
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हे केशव रसिया,सब मन बसिया,सुन लो अर्ज हमारी
विपदा   ने  घेरा,डाला  डेरा,तुम  बिन  जाय  न  टारी
मन  मोहन  कान्हा,तुमको  माना,अपना  खेवनहारी
तुम   तुरतहि  आओ, दूर  भगाओ,हे ! बांके गिरधारी
✍🏻नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
श्रोत्रिय निवास बयाना
चौपाइयां

चौपाइयां