मत्तग्यन्द सवैया छंद (Mattgyandy Savaiya) (1) देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो मानुष दौलत पास कितेकहु,दौलत देख नही इतरानो ये तन मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो नेह सुधा बरसा धरती पर,सीख सिखा सबको हरषानो … Read more »
मत्तग्यन्द सवैया छंद (Mattgyandy Savaiya) (1) देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो मानुष दौलत पास कितेकहु,दौलत देख नही इतरानो ये तन मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो नेह सुधा बरसा धरती पर,सीख सिखा सबको हरषानो … Read more »
यूपी में चहुँ ओर ही,खिला कमल का फूल | साईकल,हाथी,हाथ को,गये लोग अब भूल || भले के सब ही साथी । गिरा हाथो से हाथी ।। सृजनकार : नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” यूपी चुनाव Read more »
चौपाइयां [chaupaiyan] छंद चौपाइयां छंद विधान चार पंक्तियाँ क्रमशः समतुकांत 10 - 8 - 12 पर यति कुल 30 मात्रायें रची सृष्टि सारी, केवल नारी,ये जग की आधारा हो रातें काली, करे दिवाली, यही भोर का तारा संकट जब आया, … Read more »
(१) तेज तपन, बनी हूँ विरहन जलता मन, (२) आखिरी आस अब होगा मिलन बुझेगी प्यास (३) फाल्गुनी रंग चहुँ ओर गुलाबी पीव न संग (4) रात अँधेरी मेंरा चाँद ओझल उसी को हेरी (5) निगाहें… Read more »
राधिका छंद : Radhika Chhand छंद विधान :– 22 मात्राओ के साथ 13/9 पर यति होती है । यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है । कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं | (1) खेलें मिल सारे फाग, प्रेम की धुन में … Read more »
सा•अनुभा मुंजारे "अनुपमा" जी की कलम से हमारे कुञ्ज परिवार के प्रिय रचनाकार ... नवीन शर्मा ' श्रोत्रिय ' जी पर.....मेरी समीक्षा " पूत के पाँव पालने में " कहावत को चरितार्थ करता हुआ ... नवीन जी का व्यक्तित्व और कृतित्व है । … Read more »
आ• सुरेश जी पत्तार 'सौरभ' की कलम से २६ - २७ उम्र में साहित्यिक डालों की भी मुझे ठीक जानकारी नहीं थीं। आज पहली साहित्यिक सीडी चढ रहा हूँ। भले ही नवीन की उम्र कम रही होगी। इनकी रचना समीक्षा में कुछ का मन सकुचाया होगा, फिर भी छोटी मूर्ति में बडी कीर्ति… Read more »
आ• शैलश्री..श्लेषा जी की कलम से .. . आदरणीय नवीन जी सबसे पहले इतनी कम उम्र में की गई साहित्यिक तरक्की के लिए तहे दिल से हार्दिक अभिनंदन, आपने लेखन विधाओं को जानकर खुशी हुई कि आप साहित्य के अनेक विधाओं पर अपना हाथ आजमाए हैं । आपकी रचनाओं की प्रकाशन के लिए फिर से ए… Read more »
आ•महेंद्र जैन “मनु” जी की कलम से आदरणीय नवीन जी को सादर प्रणाम करतें हुए अपनी छोटी सी बात कहता हूँ ! माँ शारदा के पुत्र की समीक्षा करना अत्यन्त कठीन विषय है ! सूरज को दीपक दिखा कर कोनसी स्तुति मंत्र पढूं ! हर विधा के राजकुमार की हम राज तिलक से सम्मान कर… Read more »
सा• ममता गिनोडिया जी की कलम से Writes Review By Mamta Ginodia अभी जब नवीन श्रोत्रिय जी का जीवन परिचय पढा तो बहुत खुशी महसूस हो रही है इतनी सारी काबलियत होना यह भी एक बड़े फक्र की बात है । समीक्षका : सा•ममता गिनोडिया जी Read more »
!! सा• ममता बनर्जी “मंजरी” जी की कलम से !! नवीन जी की रचनाओं पर समीक्षा गद्द और पद्द दोनों विधाओं के पारंगत रचनाकार नवीन श्रोत्रिय" उत्कर्ष " जी की रचनाओं पर समीक्षा करना हालांकि मेरे लिए बहुत कठिन जान पड़ता है फिर भी कोशिश कर रही हूँ। वैसे ही आ… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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