दैनिक दोहे : 2

अपनी किस्मत आप ही , लिख  सकते    श्रीमान । परिश्रम से   सम्भव यही , भाग्य   विधाता जान ।। कमला ,   गौरी , शारदे , जगदम्बा    के     रूप । महिमा अथाह है मात की , कहते ऋषि मुनि वेद ।। वेद   शास्त्र   औ ग्रन्थ का , रावण को   था ज्ञान … Read more »

दैनिक दोहे : 1

नेता का नहि धर्म है , नहि    कोई   ईमान । घोटालो के   संग   ये , करें झूठ का पान ।।    फ़िल्मी   परदों    पर   बसे , बनकर सिध्द महान । बना   वीडियो ट्वीट कर , बांटे   अगणित   ज्ञान ।।      बात कहूँ में लाख की , अब तो खुल … Read more »

मेरा ख्वाब : (वीर/आल्हा)

नमन   करूँ   मैं   माँ   शारद को , करना माते सदा सहाय । लिखूँ ख्वाब में हाथ कलम ले , जो   मेरे   मन   को हर्षाय । -------------------------------------------- सरकारी    मैं    करूँ    नौकरी , बन अफसर जो ऑफिस जाय । लटके है जो काम अभी… Read more »