Heart Broken सुनो ओ दिलजलों, आ कर हमसे मिलो, बहुत जले हो अकेले , साथ मेरे जलो , हम भी तनहा अकेले, तुम भी तन्हा रहे हो, अब यूँ ना तन्हा रहो, साथ हमारे चलो, ओ दिल जलो -साथ मेरे जलो -नवीन के श्रोत्रिय श्रोत्रिय निवा… Read more »
Heart Broken सुनो ओ दिलजलों, आ कर हमसे मिलो, बहुत जले हो अकेले , साथ मेरे जलो , हम भी तनहा अकेले, तुम भी तन्हा रहे हो, अब यूँ ना तन्हा रहो, साथ हमारे चलो, ओ दिल जलो -साथ मेरे जलो -नवीन के श्रोत्रिय श्रोत्रिय निवा… Read more »
मेरा शहर लोहागढ़ (भरतपुर) वो शहर भरतपुर (लोहागढ़) है मेरा, जिसका लोहागढ़ अजेय दुर्ग है, वीरता है यहाँ के कण-कण में, रंग भगवा सुर्ख है … केवलादेव पक्षी विहार, सुजान गंगा,गंगा मंदिर, लक्ष्मण मंदिर,बिहारी जी, ये शहर की शान है, ये है मेरा शहर भरत… Read more »
For My Love ( Who is The Queen of Smile) Love Quotes किन्नी सोणी है तू, ओ सोणिये....किन्नी सोणी है तू, किन्नी सोणी तेरी अदायें, बार-बार मैं देखू तुझको, नज़रे कही और टिक न पाएं, किन्नी सोणी है तू,किन्नी सोणी तेरी अदायें, ओ मेरी हीर जियां वरगी है तू, ओ सोणि… Read more »
स्वाभिमान स्वाभिमान : SWABHIMAN कोई तो है जो मेरे देश का संगीत गुनगुनाता है, कोई तो है जो मुझे अपना सा नजर आता है , कोई तो है जो मुझे महापुरषो का इतिहास याद दिलाता है, कोई तो है जो स्वाभिमान जगाता है, न देश है ये अकबर-बाबर का, चलो कोई तो है अपना, जो… Read more »
माँ ! जगदम्बा हे माँ ! जगदम्बा, तेरी जय हो जय हो हे माँ ! जगदम्बा , तेरी जय हो जय हो माँ हम सब बालक अज्ञानी तेरे , तेरी महिमा जाने न, क्षमा दान हो माता रानी , क्षमा हमें तुम कर दो , हे माँ ! जगदम्बा, तेरी जय हो जय हो माँ शर्मा कुछ और न मांग… Read more »
दर्द भरा आशियाना बस कुछ दिनों की बात है, ये दर्द - ऐ -दिल की रात है , यूं ही-----गुज़र जाएगी , आज रुला ले तुझे जितना रुलाना है , कल फिर किसको रुलाएगी .......... प्यार तुम्ही से , हम करते है दिल से , ये बात तू कब समझ पायेगी , आज रुला ले तुझे जितना र… Read more »
जब - जब कुछ भी सोचु मैं, बस नाम तुम्हारा आता है, ये प्यार भी कितना पागलपन है, क्यों इतना तड़पता है, हो जाता है जब इश्क़ किसी से, न कुछ भी पता रह पाता है , न कुछ भी पता रह पाता है, बस उसकी बातों की,उसके ख्यालों की, बस उसके नज़ारो की, एक भीनी… Read more »
सो जा मेरी जान,मेरे कंधे पर सर अपना रख कर , मैं भी चैन से जी पाउँगा, तेरा नजदीक से दीदार कर सो जा मेरी जान, मेरे कंधे पर,सर अपना रख कर , तू फलक के उन सितारों सा, मेरी दिल की जमी का सितारा है , दिल जलता है मेरा , तुझको कोई निहारे गर ,… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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