नवीन श्रोत्रिय "उत्कर्ष" लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं

दैनिक दोहे

राम राम का  राम  है,राम  जगत आधार । राम नाम के जाप से,हो   जाता भव पार ।। राम रमा हर जीव में,राम  नही  बस राम । राम राम अनुपात में,करो राम सम काम ।। नीच  कर्म  करते  अगर,नीचा कुल का नाम । नीच  संग  रहकर  मिले,नीचा  ही  परिणाम ।। उत्तम   संगत   बैठिये,त्यागो  … Read more »

मुक्तक : ०५

मुक्तक : 2212 1222 212 122 वो   दूर   जा   रहे   तो,हम  दूर  हो  गये है । उनकी खुशी की खातिर मजबूर  हो गये है । है  बेवफा  जमाना  हम   जानते   नही   थे । कर   प्यार  बेवफा  से  मशहूर  हो  गए  है । (२) कर प्रेम राधिका सा,मोहन     हमे     बनाना । हो वाय… Read more »

गीत : नववर्ष

==== गीत : नववर्ष  ==== नई  साल  की    बहुत  बधाई, खुल   जाए   किस्मत   ताला, यश, वैभव, समृध्दि, सुख  दे, तुम   सबको     बंशी    वाला, नई साल की  बहुत  बधाई...... बीते  वर्ष   हो   सके   न   पूरे, काम   रहे    जो   शेष   सभी, अबके   वर्ष   पूर्ण… Read more »

कुंडलियां :

अज्ञानी  बिन आपके,ज्यो जल बिन हो मीन । कृपा करो माँ शारदे,विनती   करे     नवीन ।। विनती करे  नवीन,सूझ कब तुम बिन माता । दो  मेधा  का  दान,मात   मेधा    की   दाता । जग करता गुणगान,मात तुम आदि भवानी । मिले तुम्हारा  साथ,चाहता    यह   अज्ञानी ।। ✍🏻नवीन श्रोत्रिय … Read more »