गाथा : भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल सुजान शैली : आल्हा / वीर छंद (16/15 पदांत  गुरु,  लघु भाषा : खड़ी / ब्रज मिश्रित स्त्रोत्र : अंतर्जालीय पृष्ठ (विकिपीडिया, आदि)   गौरी   पुत्र    गणेश     पधारौ,   राजेश्वरी,   शारदा    संग इष्टदेव,  गृहदेव   सबै   मिल, भरौ   लेखनी    … Read more »