गजल : मेरी ख्वाहिश  ★ ★ ★ ★ ★  Behar : 212-212-212-212  देश    की   शान  मैं यूं बढाता  रहूँ  शीश  झुकने  न दूं  मैं  कटाता रहूँ  काट   दूँ  हाथ  वो,जो उठे देश पर दुश्मनो  को युँ  हीं मैं  मिटाता रहूँ  में  लड़ाई  लड़ूं  आखिरी सांस त… Read more »