गजल : मेरी ख्वाहिश ★ ★ ★ ★ ★ Behar : 212-212-212-212 देश की शान मैं यूं बढाता रहूँ शीश झुकने न दूं मैं कटाता रहूँ काट दूँ हाथ वो,जो उठे देश पर दुश्मनो को युँ हीं मैं मिटाता रहूँ में लड़ाई लड़ूं आखिरी सांस त… Read more »
गजल : मेरी ख्वाहिश ★ ★ ★ ★ ★ Behar : 212-212-212-212 देश की शान मैं यूं बढाता रहूँ शीश झुकने न दूं मैं कटाता रहूँ काट दूँ हाथ वो,जो उठे देश पर दुश्मनो को युँ हीं मैं मिटाता रहूँ में लड़ाई लड़ूं आखिरी सांस त… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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