Ghnakshari Chhand
जाति -पाँति धर्म नहीं, काम भेड़ियों की कोई
जाति -पाँति धर्म नहीं, काम भेड़ियों की कोई
ऐसे भेड़ियों को अब, मिल मार डालिये
सामाजिक सौहार्द को, कमजोरी मान रहे
ऐसे शन्तिदूतों को भी, घर से निकालिये
करते वे नित पाप, क्षमा दान देते आप
दानवीर बनके यूँ, संकट न टालिये
दूध पिलाने का जो शौक है चढ़ा हुआ तो
श्वानों को पिलाओ पर, साँप मत पालिये
![]() |
घनाक्षरी छन्द |
2 Comments
Shandar
ReplyDeleteजी हार्दिक आभार
DeletePost a comment
Please Comment If You Like This Post.
यदि आपको यह रचना पसन्द है तो कृपया टिप्पणी अवश्य करें ।