!! विदाई गीत - VIDAI GEET !! छोड़ गई क्यों साथ हमारा, सूनी छोड़ कलाई किससे लाड़ लड़ायेंगे हम, कौन कहेगा भाई ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना... बचपन की यादों का दर्पण, तडप जगायें भारी पलकें भारी हो जाती जब, आये याद तुम्हारी रक्षाबंधन … Read more »
!! विदाई गीत - VIDAI GEET !! छोड़ गई क्यों साथ हमारा, सूनी छोड़ कलाई किससे लाड़ लड़ायेंगे हम, कौन कहेगा भाई ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना... बचपन की यादों का दर्पण, तडप जगायें भारी पलकें भारी हो जाती जब, आये याद तुम्हारी रक्षाबंधन … Read more »
===== उत्कर्ष कृत दोहे ==== गजमुख की कर वंदना,धर शारद का ध्यान । पञ्च देव सुमिरन करूँ,रखो कलम का मान ।। ==============≠==== ईश्वर के आशीष से,दूने हो दिन रात । बिन मांगे सबको मिले,मेरी यही सौगात ।। =================== अधर गुलाबी मधु भरे,तिरछे नैन कटार… Read more »
आरक्षण Aarakshan/Reservation (गीत) आरक्षण का दानव खाता, हक मेरे जीवन का फिर भी खुद को भूखा कहता, शायद यत्न हनन का आरक्षण का दानव खाता, हक मेरे जीवन का...... अर्थ स्थिति डामाडोल पर, नहीं रियारत मुझे मिली वर्षो से उ… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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