212-212-212-212 लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं

हाल जैसे रहें,मुस्कराते रहो गजल : Haal Jaise Rahe Muskrate Raho Gazal

गजल : हाल जैसे रहें,मुस्कराते रहो  Gazal : Haal Jaise Rahe Muskrate Raho  212-212-212-212[फाइलुन×4]  ---------------------------------------- हाल   जैसे      रहें,   मुस्कराते     रहो अश्क   हैं    कीमती, मत  गिराते  रहो --------------------------------… Read more »

नारी / Naari (गजल)

नारी:  गजल  [ Naari : Gazal ]  बह्र : 212-212-212-212  भूख उसको भले पहले'खाती नहीं दुःख हों  लाख ही पर जताती नहीं Bhookh  Usko Bhale Pehle  Khaati nahi Dukh   Hon  Lakh   Hi   Per  Jatati nahi नित्य  जल्दी जगे  काम  सारा करे बाद  भी  … Read more »

गजल : प्रेम पढ़ता रहा नित्य ही [Prem Padta Raha Nitya Hi]

गजल : प्रेम   पढ़ता  रहा   नित्य  ही   [Gazal : Prem Padta Raha Nitya Hi]  बह्र : 212 212 212 212 प्रेम   पढ़ता  रहा   नित्य  ही  मीत मैं सीख  पाया  नहीं   बाद  भी  प्रीत  मैं हार   से   हार   कर   हारता  ही गया पर  न  जाना कभी हार क्या जीत मैं … Read more »

प्रेम करते रहो गजल ( PREM KARTE RAHO GAZAL )

गजल : एक नसीहत       ★ ★ ★ ★ ★      Behar : 212-212-212-212 लय : अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों प्रेम    करते    रहो     पर    जताना   नही नफरतो    को    गले    से    लगाना   नही छोड़   ये    रास्ता     कारवां     बीच     में लक्ष्य   प… Read more »

देश की शान [DESH KI SHAN]

गजल : मेरी ख्वाहिश  ★ ★ ★ ★ ★  Behar : 212-212-212-212  देश    की   शान  मैं यूं बढाता  रहूँ  शीश  झुकने  न दूं  मैं  कटाता रहूँ  काट   दूँ  हाथ  वो,जो उठे देश पर दुश्मनो  को युँ  हीं मैं  मिटाता रहूँ  में  लड़ाई  लड़ूं  आखिरी सांस त… Read more »