शंकर छंद [ Shanker Chhand ] शंकर छंद विधान : 16/10 अंत मे गुरु लघु क्रमशः दो - दो पंक्तियाँ समतुकांत दीन सुदामा की पुकार को, सुनो राधेश्याम आठ पहर जिसके अधरों पे, कृष्ण रहता नाम पाँच द्वार से भीख माँगकर, पूर्ण करता धर्म कैसा ये प्… Read more »
शंकर छंद [ Shanker Chhand ] शंकर छंद विधान : 16/10 अंत मे गुरु लघु क्रमशः दो - दो पंक्तियाँ समतुकांत दीन सुदामा की पुकार को, सुनो राधेश्याम आठ पहर जिसके अधरों पे, कृष्ण रहता नाम पाँच द्वार से भीख माँगकर, पूर्ण करता धर्म कैसा ये प्… Read more »
छन्द : पञ्चचामर विधान- 【 121 212 121 212 121 2】 चार चरण, क्रमशः दो-दो चरण समतुकांत --------------------------- उठो ! बढ़ो, रुको नहीं, करो, मरो, डरो नहीं बिना करे तरे नहीं, बिना करे नहीं कहीं पुकारती तुम्हे धरा, दिखा शरीर शक्ति को … Read more »
छंद - बिहारी छंद [ Bihari Chhand ] विधान - इसके प्रत्येक चरण में 14+8=22 मात्राएँ होती हैं , 14,8 मात्रा पर यति होती है तथा 5,6,11,12,17,18 वीं मात्रा लघु 1 होती है । एकाक्ष, महाकांत, महादेव, भगाली हे ! नाथ महाकाल गुणोकीर्ति निराली मैं मूर्ख … Read more »
मनमनोरम छंद रावण उवाच : देख मेरी दृष्टि से तू जान पायेगा मुझे तब तारना है कुल मुझे वह वक्त आयेगा चला अब हूँ कुशल शासक,पुजारी ईश का हूँ मैं अभी भी राम भव से तारने वापस न आएंगे कभी भी आस लेकर जानकी जपती रही है नाम जिन… Read more »
प्रमिताक्षरा छंद विधान : सगण,जगण,सगण,सगण=12 (१) पहचान ध्येय, पथ,जीवन,को उस ओर मोड़ फिर तू मन को तज लोभ,द्वेष अरु मोह सभी भव ताल पार उतरे तब ही (२) यह मोह मित्र सबको छलता फँस मोहजाल,जीवन जलता कर जाप नित्य मन मोहन का यह सार एक इस … Read more »
छंद : मदन/रूपमाला विधान : 24 मात्रा, 14,10 पर यति, आदि और अंत में वाचिक भार 21 कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत देख उसको दिल मचलता, प्रेम है या भोग बोध मुझको इसका नहीं, कौनसा यह रोग देख लेता जब तक न मैं, चित्त को कब चैन चाँ… Read more »
छप्पय छन्द विधान यह मिश्रित छन्द है। यह छह पंक्ति का छन्द है। यह दो रोला + एक उल्लाला छन्द का मिश्रण है। रोला छन्द ११/१३ की यति पर लिखा जाता है। उल्लाला छन्द १३/१३ की यति पर लिखा जाता है। छन्द अनुसार दो-दो पंक्तियों का समतुकान्त। … Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
अधिक जाने.... →
Follow Us
Stay updated via social channels