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श्रृंगारिक दोहे

उसका निखरा रूप था,नागिन सम थे बाल । घायल करती जा रही,चल मतवाली चाल ।। चन्द्र बदन कटि कामनी,अधर एकदम लाल । नयन   कटारी   संग  ले,करने  लगी हलाल ।। जबसे  देखा  है    तुझे,पाया  कहीं  न चैन । प्रेम   रोग    ऐसा लगा,नित बरसत ये नैन ।। प्रीतम  से होगा मिलन,आस  भरे  द… Read more »

गीत : मिटटी वाले दीये (Song : Mitti wale diye)

मिट्टी वाले दीये  जलाना, जो   चाहो  दीवाली  हो, उजला - उजला पर्व मने, कही रात  न  काली  हो, मिटटी वाले................. जब से चला  चायना वाला, कुछ की किस्मत फूट गयी विपदा आई  एक अनोखी रीत  हिन्द   की   टूट  गयी, भूल न जाना रीत हिन्द की सबके  मुख  पर  लाली हो… Read more »

शायरी कहूँ या दर्द

* अर्ज करता हूँ * "तेरी बातों में जब मेरा ही जिक्र हो, फिर कैसे ना मुझे  तेरी  फ़िक्र हो... * एक और * मोहब्बत से नफरत थी तुम्हे,ऐ !जिंदगी फिर नफरतो में हमारा क्या काम...... प्यार से नफरते बनी,नफरतो से बने गम, गम  से बनी जिंदगी,जिंदगी से  बने हम, जब प्यार न… Read more »

मुक्तक : 06

(1) फिरो क्यों  फेसबुक पर  ढूँढते  तुम प्यार को यारो । मिले सच्चा यहाँ फिर कब,सुनो सब इश्क के मारो । रही  ये  फ़ेसबुक  जरिया,जुडो  इक दूसरे  से  तुम । मगर मतलब  ज़माना  है,इसे  भी  जान लो प्यारो ।। (2) जमाना है बड़ा  जालिम,समझ दिल को न पाता है । रखे यह स्वार्थवश रि… Read more »

वसुमति छंद

*वसुमति छंद* [तगण,सगण] ------------------- तू ही जगत में, तू ही भगत में, है वास सब में, हूँ बाद जब मैं, -----------------                -------------------                आधार  तुम  ही,                हो  सार  तुम ही,                ये   पार  तुम ही,      … Read more »

दैनिक दोहे : 2

अपनी किस्मत आप ही , लिख  सकते    श्रीमान । परिश्रम से   सम्भव यही , भाग्य   विधाता जान ।। कमला ,   गौरी , शारदे , जगदम्बा    के     रूप । महिमा अथाह है मात की , कहते ऋषि मुनि वेद ।। वेद   शास्त्र   औ ग्रन्थ का , रावण को   था ज्ञान … Read more »