कृष्ण कारौ करे जो उजारौ
कोई   श्यामल  तन  कौ  बोले, कोई .  बंसी . बारौ
कारी  दह  कौ  नाग  नथइया, नँद  नैनन  कौ तारौ
माखन  चोर, कहे   गोपाला, बू  जसुदा  कौ  प्यारौ
चरवाहे   गोविंद  बतामत, ब्रज कौ .  बनौ . सहारौ
वृषभानु सुता चित्तचोर पुकारे, मनमोहन जग सारौ
शरण गहे “उत्कर्ष” बिहारी, तो  बिन  और न चारौ
रणछोड़,द्वारिकाधीश, कन्हैया, छलिया, है तू न्यारौ