घर बाहर का मुखिया नर हो
और नारि घर भीतर जान
दोनों ही घर के संचालक
दोनों का ऊँचा है स्थान
बात करे जब मुखिया पहला
दूजा सुने चित्त ले चाव
बात उचित अनुचित है जैसी
वैसा ही वह देय सुझाव
बिना राय करना मत दोनों
चाहे कैसा भी हो काम
दोनों ही पहिये हैं घर के
एक दाहिना दूजा वाम
एक समझ से भली रही दो
दोनों का पद एक समान
दोनों ही आधार गृहस्थ के
रखो परस्पर दोनों मान
अगर बात मतभेद लिये हो
तो धर लेना इतना ध्यान
तो धर लेना इतना ध्यान
जिसका जो अधिकार क्षेत्र है
उसके ही कर रहे कमान
उसके ही कर रहे कमान
4 Comments
एक समझ से भली रही दो, दोनों का पद एक समान
ReplyDeleteदोनों ही आधार गृहस्थ के, रखो परस्पर दोनों मान... बहुत सुन्दर सृजन आदरणीय
बहुत सुन्दर ब्लॉग है आप का
सादर
सैनी जी, आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी पाकर मन प्रफुल्लित हुआ... हार्दिक आभार...
Deleteबहुत ही सुंदर रचना आदरणीय।
ReplyDeleteहार्दिक आभार जी
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