शीर्षक : मेरा कृष्णा
विधा : तांटक छंद
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पाप बढे जब भी धरती पर,तुमको सभी पुकारे है ।
रूप लिया गिरधर तब तुमने,आकर कष्ट उबारे है ।
कोइ कहे मन मोहन छलिया,काली कमली वारे है ।
जसुदा के लल्ला मतवारे, मेरे गिरधर प्यारे है ।
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