ऐ ! यार

ऐ   यार    मेरे   तेरी   तारीफ   में   मैं  क्या  कहूँ
चाँद   चाँद   है  चाहे पूनम का हो या अमावस का
तेरा  नूर    उसी   तरह से फैला है मेरी जिंदगी में
जैसे अन्धेरे को चीरती हुई कोई सूरज की रोशनी
जिसके आगोश् में 
समस्त वातावरण  रोशन हो तमहीन हो जाता है

शुभप्रभात जय श्री कृष्ण
-नवीन श्रोत्रिय
श्रोत्रिय निवास बयाना
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