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कुंडलियाँ Kundaliyan Chhand

कुंडलियाँ  Kundaliyan Chhand  【सोमवार】 देवो     के    वह   देव  है, भोले     शंकर     नाम ध्यान धरो नित नेम से, अंत  मिले   हरि   धाम अंत   मिले    हरिधाम, पार   भव   के   हो  जाये मनचाहा   सब    होय, साथ  सुख   समृद्धि  पाये कहे    भक्त    उत्कर्ष, ना… Read more »

उड़ियाना व कुण्डल छंद [ Udiyana Or Kundal Chhand ]

उड़ियाना   छंद  Udiyana Or Kundal Chhand उड़ियाना   छंद  विधान : 12/10 यति पहले व बाद में त्रिकल अंत मे एक गुरु जीवन का ध्येय एक, राम नाम जपना मिले हमें विष्णुलोक,यही सत्य सपना कौन  यहाँ मित्र,सगा, बंधु,  संबंध    है माया   का यही जाल, मोह  आबंध   है… Read more »

मुक्तक : MUKTAK

उत्कर्ष मुक्तक : UTKARSH MUKTAK ------------ ज्ञान बिना मतिमूढ़ मैं,जैसे   जल बिन  मीन कृपा करो   माँ  शारदे, कहता   निर्बल    दीन सार  जगत  का  आप ही, आप  बनी  आधार सदा  साथ  दो  अम्बिका, विनती करे नवीन नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास बयाना Mu… Read more »

मुक्तक : MUKTAK

मुक्तक : MUKTAK मुझे   ले   लो     शरण   में   आप   हे     बजरंग   बालाजी करूँ    इक   ध्यान    बस   तेरा  चढा   है    रंग   बालाजी   करो    वो    आप कुछ ऐसा , हुआ  ना   आज    तक जो हो करो       ऐसा      रहे    सारा    जमाना     दंग     बालाजी … Read more »

कुंडलियाँ [Kundaliya]

छंद : कुण्डलिया Kundaliyan Chhand (1) अज्ञानी    तेरे    बिना, ज्यो जल बिन हो मीन कृपा    करो  माँ शारदे, विनती   करे     नवीन विनती करे  नवीन, सूझ कब  तुम बिन माता दो  मेधा   का  दान, मात   मेधा     की   दाता जग करता गुणगान, मात तुम आदि भवा… Read more »

चौपाइयां छंद [chaupaiyan chhand]

देव  दैत्य  स्तुति  करें,कोउ  न  पायो पार नमन करूँ कमलापते,तुम जीवन के सार ------------------ छंद : चौपाइयां Vidhan : 10-8-12=30 ------------------ हे केशव रसिया,सब मन बसिया,सुन लो अर्ज हमारी विपदा   ने  घेरा,डाला  डेरा,तुम  बिन  जाय  न … Read more »